तुझे ढूँढने जो आया यहाँ
देखा, तेरे तो हर गली में
इश्क के अलग-अलग किस्से हैं
बेवफा कहूँ या बेहया .....
अये खुदा ! अब तू ही बता
ये मुहब्बत क्यूँ इतनी बेगैरत हो गई .....?
बुधवार, 16 दिसंबर 2009
मुद्दतों बाद आया हूँ,
प्यार का सन्देश लाया हूँ,
बेवफा सनम को
एहतराम का तोहफा देने आया हूँ....